By: Jyotish Pandey www.sehatpur.com Sep 14, 2024
महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले का यह गांव कभी था सूखा प्रभावित, पर अब यहां की तस्वीर बदल चुकी है।
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गांव के सरपंच पोपटराव पवार ने 1990 में यहां बदलाव की नींव रखी, और किसानों की जिंदगी बदल गई।
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पानी की कमी थी सबसे बड़ी समस्या, लेकिन गांववालों ने मिलकर पानी संरक्षण के उपाय किए।
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वृक्षारोपण और वर्षा जल संचयन ने सूखे इलाके को हरे-भरे खेतों में बदल दिया।
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खेती में जैविक तरीकों का इस्तेमाल बढ़ा, जिससे किसानों की उपज और मुनाफा दोनों में इजाफा हुआ।
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अब गांव के हर परिवार की सालाना आय 10-12 लाख रुपये तक पहुँच गई है, जिससे वे करोड़पति बन गए।
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जैविक खेती, दूध उत्पादन और बागवानी से किसानों की आय में बड़ा इजाफा हुआ।
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हिवरे बाज़ार ने दिखाया कि स्मार्ट खेती और जल प्रबंधन से आर्थिक उन्नति संभव है।
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