You are currently viewing यूरिक एसिड से परेशान हैं? तुलसी और अदरक से मिल सकता है नेचुरल आराम, जानिए सही तरीका

यूरिक एसिड से परेशान हैं? तुलसी और अदरक से मिल सकता है नेचुरल आराम, जानिए सही तरीका

आज के समय में बदलती लाइफस्टाइल, अनियमित खानपान और तनाव की वजह से कई तरह की बीमारियाँ लोगों को कम उम्र में ही घेरने लगी हैं। इन्हीं में से एक है यूरिक एसिड बढ़ना, जो धीरे-धीरे जोड़ों के दर्द, गठिया (गठवात) और किडनी से जुड़ी समस्याओं की वजह बन सकता है।

अगर आप भी इस समस्या से जूझ रहे हैं या किसी अपने को इससे राहत दिलाना चाहते हैं, तो आपके किचन में रखी दो आम चीजें — तुलसी और अदरक — आपके बड़े काम आ सकती हैं।

इस ब्लॉग में हम जानेंगे-

यूरिक एसिड बढ़ने की वजहें

इसके लक्षण

तुलसी और अदरक से कैसे मदद मिल सकती है?

सही उपयोग का तरीका

यूरिक एसिड क्या होता है?

यूरिक एसिड शरीर में बनने वाला एक तरह का वेस्ट प्रोडक्ट होता है, जो प्रोटीन के मेटाबॉलिज़्म के दौरान बनता है। आमतौर पर ये पेशाब के ज़रिए शरीर से बाहर निकल जाता है, लेकिन जब इसकी मात्रा ज़रूरत से ज़्यादा हो जाती है या शरीर से पूरी तरह बाहर नहीं निकल पाता, तो यह जोड़ों में क्रिस्टल बनाकर जमा हो जाता है, जिससे सूजन और तेज़ दर्द होता है।

इसे भी पढें-अचानक पेट में गैस का तेज़ दर्द उठे तो क्या करें? जानिए तुरंत आराम पाने के आसान उपाय!

यूरिक एसिड बढ़ने के कारण

ज़्यादा रेड मीट, दालें, समुद्री भोजन या एल्कोहल का सेवन

कम पानी पीना

मोटापा

ज्यादा तनाव और कम शारीरिक गतिविधि

अनुवांशिक कारण

लक्षण क्या होते हैं?

हाथ-पैर के जोड़ो में सूजन और जलन

उंगलियों में अकड़न

चलने-फिरने में दिक्कत

पैरों के अंगूठे में तेज़ दर्द (गाउट)

बार-बार यूरिन आना लेकिन राहत न मिलना

अब जब आप समझ गए कि यूरिक एसिड क्या है और कैसे बढ़ता है, तो आइए बात करते हैं दो ऐसे नेचुरल उपायों की जो इसे कंट्रोल करने में बेहद कारगर हैं।

तुलसी 

यूरिक एसिड

तुलसी को भारतीय संस्कृति में न सिर्फ धार्मिक रूप से बल्कि औषधीय रूप से भी बेहद अहम माना जाता है। तुलसी में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो शरीर के अंदरूनी सूजन को कम करने में मदद करते हैं।

कैसे करता है काम?

तुलसी लिवर को डिटॉक्स करती है, जिससे यूरिक एसिड की मात्रा बैलेंस में रहती है।

यह किडनी को साफ करती है और यूरिन के ज़रिए एक्स्ट्रा यूरिक एसिड बाहर निकालने में मदद करती है।

इसमें मौजूद eugenol नाम का तत्व सूजन और दर्द को कम करता है।

तुलसी का सही इस्तेमाल

तुलसी की चाय:
रोज सुबह खाली पेट 7-8 तुलसी की पत्तियां लेकर एक कप पानी में उबालें। चाहें तो इसमें थोड़ा शहद मिला लें। इससे शरीर को नेचुरल डिटॉक्स मिलेगा।

ताज़ी तुलसी चबाना:
रोज सुबह तुलसी की 4-5 पत्तियां धोकर खाली पेट चबाएं।

अदरक 

यूरिक एसिड

अदरक को आमतौर पर मसाले के रूप में इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन इसके औषधीय गुण किसी दवा से कम नहीं हैं। इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटीऑक्सीडेंट और पेन रिलीवर गुण मौजूद हैं, जो यूरिक एसिड के कारण होने वाले सूजन और दर्द को कम करने में मदद करते हैं।

कैसे करता है काम?

अदरक शरीर में uric acid के क्रिस्टल को तोड़ने में मदद करता है।

यह ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर बनाता है जिससे सूजन जल्दी कम होती है।

अदरक शरीर की गर्मी को बैलेंस करता है और मेटाबॉलिज़्म को सुधारता है।

अदरक का सही इस्तेमाल

अदरक की चाय-
रोज सुबह या शाम 1 कप पानी में थोड़ी सी कद्दूकस की हुई अदरक डालकर उबालें। 5 मिनट बाद छानकर पी लें। चाहें तो शहद या नींबू डाल सकते हैं।

अदरक और हल्दी का पेस्ट-
अदरक और हल्दी पाउडर को हल्के गुनगुने पानी में मिलाकर पेस्ट बनाएं और सूजन वाले हिस्से पर लगाएं। 15-20 मिनट बाद धो लें।

कच्चा अदरक खाना-
भोजन के साथ थोड़ी मात्रा में कच्चा अदरक या अचार के रूप में सेवन करें।

इसे भी पढें-पेट की सेहत है गड़बड़? जानिए गट हेल्थ सुधारने के 7 आसान देसी नुस्खे जो सच में काम आते हैं!

कुछ जरूरी सुझाव

पानी भरपूर पिएं (8-10 गिलास रोज़)

एल्कोहल और रेड मीट से दूरी बनाए रखें

रोजाना थोड़ी एक्सरसाइज़ करें

चाय-कॉफी का सेवन कम करें

विटामिन C से भरपूर चीजें खाएं जैसे नींबू, आंवला

कब डॉक्टर से मिलना ज़रूरी है?

अगर घरेलू उपायों के बावजूद यूरिक एसिड लगातार बढ़ रहा है, तेज़ दर्द हो रहा है या सूजन कम नहीं हो रही, तो देर न करें। किसी अच्छे आयुर्वेद या एलोपैथिक डॉक्टर से सलाह लें।

यूरिक एसिड की समस्या आम जरूर है, लेकिन इसे नज़रअंदाज़ करना भारी पड़ सकता है। दवाओं के साथ-साथ अगर आप अपनी डाइट और लाइफस्टाइल में छोटे-छोटे बदलाव करें, जैसे कि तुलसी और अदरक का नियमित इस्तेमाल, तो इसका असर जल्द ही दिखने लगेगा।

प्रकृति के इन तोहफों का लाभ उठाइए और खुद को दर्द और सूजन से दूर रखिए। याद रखिए — सेहत का असली इलाज अक्सर हमारी रसोई में ही छिपा होता है।

Leave a Reply