आजकल बहुत सी महिलाएं प्रेग्नेंसी से जुड़ी परेशानियों का सामना कर रही हैं। कभी पीरियड्स अनियमित हो जाते हैं, तो कभी हार्मोन गड़बड़ा जाते हैं। इन सभी में एक नाम बार-बार सुनने को मिलता है — थायराइड। अब सवाल ये उठता है कि क्या वाकई में थायराइड की वजह से मां बनने में दिक्कत आती है?
अगर आप या आपके जानने वाले भी इस सवाल से जूझ रहे हैं, तो चलिए आज हम इस पूरे टॉपिक को इंसानी, सीधी भाषा में समझते हैं — बिना मेडिकल की भारी-भरकम भाषा के।
सबसे पहले समझिए: थायराइड होता क्या है?
हमारे गले के पास एक छोटी सी ग्रंथि होती है, जिसे थायराइड ग्लैंड कहते हैं। ये ग्रंथि हार्मोन बनाती है जो हमारे शरीर के मेटाबॉलिज्म यानी ऊर्जा बनाने के प्रोसेस को कंट्रोल करता है।
थायराइड के दो मुख्य प्रकार होते हैं:
हाइपोथायराइडिज्म – जब थायराइड हार्मोन कम बनता है।
हाइपरथायराइडिज्म – जब थायराइड हार्मोन जरूरत से ज्यादा बनता है।
थायराइड और प्रेग्नेंसी – क्या है कनेक्शन?
थायराइड हार्मोन हमारे शरीर में बहुत सारी चीजों को कंट्रोल करता है – जैसे दिल की धड़कन, वजन, शरीर की ऊर्जा और यहां तक कि प्रजनन यानी फर्टिलिटी को भी। जब थायराइड का संतुलन बिगड़ता है, तो ये प्रेग्नेंसी को भी प्रभावित कर सकता है।
अगर थायराइड हार्मोन कम बनता है (हाइपोथायराइडिज्म), तो:

पीरियड्स अनियमित हो सकते हैं
ओव्यूलेशन नहीं होता यानी अंडाणु (एग) बनना बंद हो सकता है
गर्भधारण करने में देरी या दिक्कत आ सकती है
अगर थायराइड हार्मोन ज्यादा बनता है (हाइपरथायराइडिज्म), तो:
बार-बार मिसकैरेज का खतरा बढ़ सकता है
गर्भाशय (uterus) के लिए सही वातावरण नहीं बन पाता
बच्चे का वजन या विकास प्रभावित हो सकता है
क्या थायराइड की वजह से मां बनना नामुमकिन है?

थायराइड कोई ऐसी बीमारी नहीं है जिससे मां बनना असंभव हो जाए। हां, अगर इसे नजरअंदाज किया जाए या इसका इलाज न किया जाए, तो मुश्किलें आ सकती हैं। लेकिन अगर आप सही वक्त पर जांच करवाएं, दवा लें और डॉक्टर की सलाह मानें, तो प्रेग्नेंसी पूरी तरह संभव है।
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कैसे जानें कि आपको थायराइड है या नहीं?
अगर आप प्रेग्नेंसी प्लान कर रही हैं और आपको इन लक्षणों में से कोई भी दिखे, तो थायराइड की जांच ज़रूर करवाएं:
अचानक वजन बढ़ना या घटना
बहुत ज्यादा थकान
चिड़चिड़ापन या मूड स्विंग्स
ठंड या गर्मी बहुत लगना
बाल झड़ना
पीरियड्स का अनियमित होना
थायराइड की जांच एक आसान ब्लड टेस्ट से हो जाती है – इसे TSH टेस्ट कहते हैं। ज़रूरत हो तो डॉक्टर Free T3 और T4 टेस्ट भी करवाते हैं।
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अगर थायराइड है तो क्या करें?
डॉक्टर से मिलें: खुद से दवा शुरू न करें।
दवा टाइम पर लें: थायराइड की दवा खाली पेट ली जाती है और रोज़ लेना जरूरी है।
रेगुलर जांच कराएं: प्रेग्नेंसी के दौरान थायराइड लेवल बार-बार चेक होता है।
डाइट पर ध्यान दें: आयोडीन, आयरन, और विटामिन से भरपूर डाइट लें।
तनाव न लें: ज्यादा टेंशन लेने से हार्मोन और बिगड़ सकते हैं।
थायराइड में क्या खाएं, क्या न खाएं?
हरी पत्तेदार सब्जियां
अंडा, दूध, दही
नट्स जैसे बादाम, अखरोट
आयोडीन वाला नमक
साबुत अनाज (Whole grains)
क्या न खाएं?
ज्यादा सोया प्रोडक्ट्स
जंक फूड
ज्यादा कैफीन
बिन बात के सप्लीमेंट्स
थायराइड कंट्रोल में हो तो क्या प्रेग्नेंसी सुरक्षित होती है?
अगर थायराइड लेवल कंट्रोल में है, तो आप एक हेल्दी और नॉर्मल प्रेग्नेंसी इंजॉय कर सकती हैं। डॉक्टर थायराइड की दवा की डोज़ प्रेग्नेंसी के दौरान थोड़ा बदल सकते हैं, लेकिन आपको बस उनकी सलाह पर चलना है।
थायराइड के साथ बहुत सारी महिलाएं नॉर्मल डिलीवरी करती हैं और हेल्दी बच्चे को जन्म देती हैं।
थायराइड एक आम समस्या है, खासकर महिलाओं में। लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि ये आपकी प्रेग्नेंसी का रास्ता रोक सकता है।
अगर समय पर जांच और इलाज हो, तो थायराइड को कंट्रोल में रखा जा सकता है और मां बनना बिल्कुल मुमकिन है।
तो अगली बार अगर कोई कहे “थायराइड है, तो मां बनना मुश्किल है”, तो मुस्कुराकर कहिए – “इलाज होगा, तो सब होगा!